एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
संचालन
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प्रारंभ - वर्ष 1997-98
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नोडल मंत्रालय - जनजातीय मामलों का मंत्रालय
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कार्यान्वयन एजेंसी - राष्ट्रीय शिक्षा सोसाइटी,
जनजातीय छात्रों के लिये राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी
उद्देश्य
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जवाहर नवोदय विद्यालयों और
केंद्रीय विद्यालयों के समान स्कूलों का निर्माण करना
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भारत में सर्वाधिक वंचित
समूहों यानी अनुसूचित जनजातियों (ST) के
सामाजिक-आर्थिक विकास को समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से उत्प्रेरित करना
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जनजाति बहुल क्षेत्रों में ST और विशेष सुभेद्द जनजातीय समूह (PVTGs) के छात्रों
को उनके सर्वागीण विकास के लिये पाठ्येत्तर गतिविधियों के साथ उच्च प्राथमिक,
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान
करना
वर्तमान स्थिति
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स्वीकृत 690 आवासीय
विद्यालयों में से 401 कार्यरत
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कुल 113275 विद्यार्थियों
में से 57168 छात्राएँ
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बजट 2022-23 में 2000 करोड़
रुपए का आवंटन
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बजट 2023-24 में 5943 करोड़
रुपए का आवंटन
कुछ
प्रमुख तथ्य
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मॉडल आवासीय स्कूल बनाने की
एक योजना
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CBSE पाठ्यक्रम के अनुरूप
शिक्षा
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स्कूलों के लिये वित्तपोषण
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत अनुदान
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केंद्रीय जनजातीय मामलों के
मंत्रालय द्वारा 100% अनुदान
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केंद्र सरकार को स्कूलों की
मंजूरी और उनका प्रबंधन करने की शक्ति
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प्रत्येक आदिवासी उप-जिले
में एक मॉडल आवासीय स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य
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स्थापना के लिये जनसंख्या
मानदंड: अनुसूचित जनजाति (ST)
की कम-से-कम 20,000 की आबादी और यह संख्या उस क्षेत्र की कुल आबादी
का न्यूनतम 50% होनी चाहिये
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चिह्नित उप-जिलों ( 90% या
अधिक ST
आबादी) में जहाँ ST आबादी घनत्व अधिक हो वहाँ
प्रायोगिक आधार पर एकलव्य मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल (EMDBS) स्थापित
करने का प्रस्ताव
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राज्य/कें. शा. प्र. द्वारा
भूमि का आवंटन
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जिलाधिकारी की अध्यक्षता
वाली जिला स्तरीय समिति द्वारा स्थानीय रूप से योजना का प्रबंधन और क्रियान्वयन
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छात्र और छात्राओं के लिये
समान सीटें आवंटित, 10% सीटें गैर-अनुसूचित
छात्रों के लिये