राष्ट्रीय राजनीतिक दल
एक
पंजीकृत पार्टी को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में तभी मान्यता दी जाती है जब वह
निम्नलिखित तीन शर्तों में से किसी एक को पूरा करती है:
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यह चार
या अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में 'मान्यता
प्राप्त' हो; या
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लोकसभा या राज्यों के विधानसभा चुनावों में 4 अलग-अलग राज्यों से कुल वैध मतों के 6 प्रतिशत मत प्राप्त करे तथा इसके अतिरिक्त 4 लोकसभा
सीटों पर जीत दर्ज करे। या
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यदि उसने कम से कम 3 राज्यों से लोकसभा में कुल सीटों का कम से कम 2% सीटें
जीती हो।
भारत में दलों की सूची (2023 तक)
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भारत में छह राष्ट्रीय दल
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56 से अधिक मान्यता प्राप्त राज्य दल
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2796 गैर-मान्यता प्राप्त दल
ईसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त एक
पार्टी को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं जैसे-
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एक आरक्षित पार्टी चिन्ह,
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राज्य द्वारा संचालित टेलीविजन और रेडियो पर मुफ्त प्रसारण समय
·
इन दलों को चुनाव के समय 40
"स्टार प्रचारक" (पंजीकृत-गैर-मान्यता प्राप्त दलों को 20
"स्टार प्रचारक" रखने की
अनुमति है) रखने की अनुमति है।
·
प्रत्येक राष्ट्रीय दल को एक चुनाव चिह्न प्रदान किया जाता है जो पूरे देश में
विशिष्टतः उसी के लिये आरक्षित होता है। यहाँ तक कि उन राज्यों में भी जहाँ वह चुनाव नहीं लड़ रही है।
भारत में सभी राष्ट्रीय दलों की
सूची
नाम |
संक्षेपाक्षर |
स्थापना तिथि |
भारतीय जनता पार्टी |
बी जे पी |
6 अप्रैल 1980 |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कांग्रेस |
28 दिसंबर 1885 |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) |
माकपा |
7 नवंबर 1964 |
आम आदमी पार्टी |
एएपी |
26 नवंबर 2012 |
बहुजन समाज पार्टी |
बसपा |
14 अप्रैल 1984 |
नेशनल पीपुल्स पार्टी |
एनपीपी |
6 जनवरी 2013 |
स्रोत: भारत निर्वाचन आयोग
भारत निर्वाचन आयोग
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भारत
निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ एवं राज्य
निर्वाचन प्रक्रियाओं का संचालन करने के लिए उत्तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक
सभा, राज्य सभा, राज्य
विधान सभाओं, देश में राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति के
पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है।
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भारत निर्वाचन
आयोग एक स्थायी संवैधानिक निकाय है। संविधान के अनुसार निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को की गई थी।
आयोग ने अपना स्वर्ण जयंती वर्ष 2001 में मनाया था।
संरचना
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प्रारम्भ में, आयोग में केवल एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त थे। वर्तमान
में इसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त हैं।
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16 अक्तूबर,
1989 को पहली बार दो अतिरिक्त आयुक्तों की नियुक्ति की गई थी परन्तु
उनका कार्यकाल बहुत कम था जो 01 जनवरी, 1990 तक चला। तत्पश्चात, 01 अक्तूबर, 1993 को दो अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई थी। तब से आयोग की
बहु-सदस्यीय अवधारणा प्रचलन में है, जिसमें निर्णय बहुमत के
आधार पर लिया जाता है।
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वर्तमान संरचना –
1. मुख्य निर्वाचन आयुक्त - श्री राजीव कुमार
2. निर्वाचन आयुक्त - श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय
3. निर्वाचन आयुक्त - श्री अरुण गोयल